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राष्ट्र को सशक्त करने के लिए इस देश में भारतीय सविधान की प्रस्तावन का लागु होना अति शीग्र अति आवश्यक है।

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राष्ट्र को सशक्त करने के लिए इस देश में भारतीय सविधान की प्रस्तावन का लागु होना अति शीग्र अति आवश्यक है।

आज़ादी से आज तक जो भी सरकारे बनी उन्होंने भारतीय सविधान के अनुरूप कार्य नहीं करा फलसरूप देश के अंदर भिन्न भिन्न रूपों में समस्याए आज भी व्याप्त है। जैसे भुकमरी कुपोषण गरीबी जातिवात क्षेत्र वाद भाषावाद धर्मवाद और राष्ट्र की सीमाओं का सुरक्ष्ति न होना इत्यादि।

सिर्फ सरकारो के चेहरे बदले है कार्यशैली नहीं बदली

तो ये निश्चित है की सिर्फ सरकाओ में चेहरे बदले है कार्यशैली नहीं बदली। तब ये निश्चित है कार्यशैली बदलने के लिए हम सभी को आपस में लड़ने की बजया एक हो कर या एकत्रति हो कर सरकार एवं चेहरे बदले के साथ साथ कार्य प्रणली भी बदलने की जरूरत है।

कार्यप्रणाली बदलने की कोशिश वही करेगा जो इस देश की तंग हाली से ग्रसित है।

यह निश्चित है कि कार्य प्रणली बदलने की कोशिस वही करेगा जो इस देश की तंग हाली से ग्रसित है। होता ये है राजनीत में वो लोग आ जाते है। जिनको देश की वस्तविक इस्थिति का भान नहीं होता। क्योकि उनके बच्चे विदेशो में पड़ते है और खुद हवाई ज़हाज़ और राजधानी से चलते है।

राष्ट्र प्रेमी लोगो से आवाहन है एकत्रित होकर इस राष्ट्र को सुरक्षित एवं भेहतर बनाए।

इस लिए मेरा पुनः उन गरीब और राष्ट्र प्रेमी लोगो से आवाहन है एकत्रित होकर इस राष्ट्र को सुरक्षित एवं भेहतर बनाए। और ऐसा करने के लिए मेरा यह सुद्रढ़ मनना है कि सविधान की प्रस्तवन को पूर्ण रूप के लगी करना ही होगा।

अतः मेरा सभी पाठको से आनुरोध है कि सविधान के प्रस्तावना को लागु करने हेतु देश की सरकार एवं देश के नागरिको को क्या क्या कार्य करने चाहिए। कृपया सुझाव देने का कस्ट करे।

लेखक :- मनोज गौतम (अधिवक्ता उच्च न्यायालय नई दिल्ली)

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