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उपकार बावरा एक बहुजन क्रांतिकारी शेर जिसको मुजफ्फरनगर जेल में कैद कर रखा है।

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बहुजन शेर उपकार बावरा जी को किया मनुवादियों ने मुजफ्फरनगर जेल में कैद।

गौरतलब है कि पिछले साल यानी 2018 को अप्रैल के महीने में हुए एक जन आंदोलन में जेल में कैद कर के रखा है। ये शेर को पिंजड़े में कैद करने के जैसा है। और एक अनैतिक कार्य है। ये दर्शाता है कि जो एक मनुवादी सोच ने किस प्रकार एक क्रांति कारी बहुजन युवा को जेल में कैद करके रखा है।

उपकार जी का जुर्म सिर्फ इतना सा था कि जब फरबरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति व् अनुसूचित जन जाति एक्ट को संशोधित कर के इतना कमजोर कर दिया था। कि किसी भी अनुसूचित जाति के लोगो को आसानी से न्याय नहीं मिलने वाला था।

सुप्रीम कोर्ट ने इतना कमजोर कर दिया था कि इस कानून का कोई मतलब ही नहीं रह गया था। कुछ बिंदु मैं आपको बताता हूँ जैसे कि अगर कोई अत्याचार होता है तो पहले कोई सुपेरंटेन्ड ऑफ़ पुलिस लेवल का अधिकरी इसकी जाँच करेगा। फिर वह पुलिस अधिकारी तय करेगा कि दोषी यक्ति के खिलाफ मुकदमा लिखा जाये या नहीं।

दूसरा इसमें यह बात थी कि अगर किसी को जाति सूचक गाली दी हो तो पीड़ित व्यक्ति को इसको साबित करना पड़ेगा। जब जाकर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। और भी कुछ इसमें सरकारी कर्मचारियों के बारे में था। कि अगर किसी का जातिगत शोषण हुआ हो तो वह सीधे तो पर पुलिस को शिकायत नहीं लिखवा सकता। और ना ही वह कर्मचारी शोषण कर रहा है निलंबित होगा।

अब वापिस आते है अपने मुद्दे पर उपकार बावरा पर बस इन्ही मुद्दों को लेकर पुरे देश में दो अप्रैल को आंदोलन चल रहा था । इस आंदोलन में भीम आर्मी बहुत ही बढ़ चढ़ कर अपनी भूमिका निभा रही थी। आपको बता दे की उपकार बावरा भीम आर्मी के मुजफरनगर जिला अध्य्क्ष भी है। तो योगी सरकार ने इनको तकरीबन एक साल से जेल में कैद कर रखा है।

वो भी राष्टीय सुरक्षा अधिनियम कानून के तहत। अब बताइये कि उपकार जी से कौन सी देश की सुरक्षा को खतरा है। क्या अपने हक़ और अधिकारों की बात करना देशद्रोह है। उपकार जी के साथ साथ कई ऐसे नौजवान साथी है तब से ही जेल में बंद है। मैं तो आवाज़ उढ़ाउंगा। अपने हक़ हो अधिकारों के लिए चाहे मुझे जेल ही क्यू न जाना पड़े समाज के लिए ये भी करूँगा।

धन्यवाद
जय भीम

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