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Mayawati Ji Latest Press Conference

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             गठबंधन करने के संबंध में यह कहना चाहती हूं कांग्रेस के जो राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी एवं दो संरक्षक है श्रीमती लोग सोनिया गांधी जी दिल से चाहते हैं कि बीएसपी का कांग्रेस पार्टी का विधानसभा में कांग्रेस और बीएसपी का गठबंधन होना चाहिए और फिर लोकसभा में भी गठबंधन हो चाहिए यह दोनों दिल से चाहते हैं लेकिन दुख की बात यह है कि कांग्रेस पार्टी में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे श्री दिग्विजय सिंह जैसे स्वार्थी नेता जॉकी सीबीआई के डर से किसी भी कीमत पर कांग्रेस में बीएसपी का चुनावी समझौता नहीं होना देना चाहते हैं और खासकर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह यह गठबंधन बिल्कुल भी नहीं देखना चाहते हैं

                       जिन्होंने गोवा में कांग्रेस पार्टी की भी सरकार नहीं बनी थी जबकि कांग्रे सबसे बड़ी पार्टी थी लेकिन यहां खास ध्यान देने व ऑस्ट्रेलिया के बात यह भी है कि कांग्रेस पार्टी का यह निजी स्वार्थ नेता वैसे तो और भी नेता जो बीजेपी का जबरदस्त एजेंट भी है आज वह एक टीवी चैनल में इंटरव्यू के दौरान बीएसपी के साथ किसी भी गठबंधन को सोने को नहीं लेकर यह बयान दे रहा है या देता है कि मायावती जी पर तीन प्रकार का दबाव है जो पूरे तौर पर सत्य और तथ्य हीन है जबकि वास्तव वास्तव में इनकी कांग्रेस पार्टी इस गठबंधन की आड़ में बीएसपी को ही खत्म करना चाहती है

                   जिसकी पृष्ठभूमि जगजाहिर है जिनके बोर्ड के दम पर कांग्रेस पार्टी ने एक छत्र राज किया है लेकिन इस पार्टी ने भी बीजेपी की तरह ही इन वर्गों की तरफ जातिवादी व संप्रदाय सोच होने की वजह से इन वर्गों को काफी भला नहीं किया इनका विकास व स्थान नहीं किया है फिर हमें मजबूरी मेंबीएसपी पार्टी बनानी पड़ी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने कड़ा संघर्ष किया और

         फिर अंत में अपने दिन तो जाए तो को प्रणाम देते हुए इस देश को एक मानवतावादी बेहतरीन संविधान देने में सफल रहे उनके देहांत के बाद इस मानवतावादी मोमेंट को शुरू योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने के लिए मान्यवर श्री कांशीराम जी ने अपनी पूरी जिंदगी लगाई और देश की राजनीति में एक नया मानवीय आयाम स्थापित करके उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में अपने पार्टी की सरकार बनाने में सफलता अर्जित की आज उन महापुरुषों के बलिदान एवं प्रेरणा लेकर उनके कार्य को आगे बढ़ाने के लिए अपनी पूरी जिंदगी लगा कर काफी दिनों से लगी हुई हो और

              ऐसे में बाबा साहब डॉ अंबेडकर मान्यवर कांशीराम जी की तरह कोई भी पद सरकार से बड़े से बड़ा मुझे अपने संकल्प से नहीं सकता जिस के प्रमुख उदाहरण के रूप में दिनांक 25 अगस्त सन 2003 को मेरा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना और फिर बाद में दिनांक 18 जुलाई सन 2017 को राज्य सभा क्षेत्र देने की घटनाएं आपके सामने है और यह कुछ जरूरी बातें

           आज यहां मैं इसलिए कह रही हूं ताकि खासकर कांग्रेस पार्टी के नेताओं को बीएसपी के साथ किसी भी चुनाव तालमेल के लिए समझौता करने से पहले यह बात जरूर याद रखना चाहिए कि बीएसपी पार्टी पार्टी है तथा सर्व समाज के गरीब मजदूरों किसानो आदि के साथ करोड़ों दलितों आदिवासियों पर छोड़ो मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों हेतु श्रीमान के साथ कभी कोई समझौता नहीं कर सकती और ना ही कहीं किसी के हाथ का खिलौना बन सकती है और

                  यह बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सच्चे अनुयाई के खून में आसानी से नहीं हो सकता है मतलब वह किसी के हाथों खिलौने बन जाए यह बाबा साहब अंबेडकर के किसी भी सच्चे भाई के खून में नहीं हो सकता और इसलिए आज बीजेपी के डर से कांग्रेस पार्टी खासकर सही बात तो यह है इसलिए आगे पीछे मुस्लिम समाज के लोगों को डर सकती है नतीजा चाहे जो भी हो ऐसा नहीं करती है

             हमारी पार्टी उत्तर प्रदेश के फैजाबाद सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार को उतारा है जो काम कोई दूसरा पार्टी नहीं कर सकती है यह राजनीतिक पार्टी के स्वार्थ से हमारे मोमेंट के आगाज है जो हमें ताकत देती है तथा दूसरे पार्टियों से अलग पहचान देती है इसी प्रकार के व्यापार और हमारी पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव लाकर बीजेपी की घोर गरीब मजदूर किसान में महिला विरोधी तथा बड़े-बड़े पूंजीपतियों के सरकार को आने से रोकने के लिए अपनी सहमति जाहिर की है और

                    इसी क्रम में बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए दक्षिण भारत के राज्य में कर्नाटक में क्षेत्रीय जनता दल यूनाइटेड हरियाणा में चौटाला की क्या है परंतु जब लोकसभा के साथ-साथ राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव सर पर आ रहे हैं तो चुनावी गठबंधन के मामले में पार्टी का रवैया हमेशा की तरह बीजेपी बीएसपी कांग्रेस पार्टी अपनी सरकार की नीतियों को बार-बार नीति उठा रही है फिर भी यह पार्टी अपने में सुधार नहीं कर रही है और ठीक है ऐसे समय में जब देश की आम जनता बीजेपी की केंद्र व राज्य के दिन की सरकारों को उखाड़ना चाहती है

                घोर वादाखिलाफी जनहित निर्देश से विश्वासघात करने के साथ-साथ बीजेपी सरकार खासतौर पर गरीब किसान मुस्लिम विरोधी नीतियों के कारण बढ़ते भुखमरी बेरोजगारी भ्रष्टाचार जबरदस्त मार से जबरदस्त पीड़ित है इस अहंकारी जातिवादी वे निरंकुश सरकार को उखाड़ फेंकना चाहती है लेकिन इसके लिए कांग्रेस पार्टी की गलतफहमी के साथ साथ उसका अहंकार भी सर चढ़कर बोलने लगा है

           वह अकेले अपने दम पर बीजेपी को हराने का काम कर लेंगे जबकि जमीनी वास्तविकता यह है कि कांग्रेस पार्टी को उसके अपार गलती हो तो भ्रष्टाचार गलतियां के कारण देश में बहुत बड़ी सजा मिली थी आप उसको भी माफ करने को तैयार नहीं है और उसका ही पूरा फायदा लेकर बीजेपी ना केवल केंद्र में पहली बार पूर्ण बहुमत से सरकार है बल्कि देश के जात राज्यों में सत्ता में आकर अपने घर जाते संप्रदाय पूर्ण किए हुए हैं और

                   जिससे हर तरफ अराजकता का माहौल व्याप्त है लेकिन फिर भी कांग्रेस पार्टी अपने में सुधार लाने को तैयार नहीं आया वैसे तो विपक्षी पार्टियों में से खासतौर पर व्यापक देश हित को ध्यान में रखकर वह बीजेपी जैसी सांप्रदायिक पार्टी को सत्ता से दूर रखने के लिए हमेशा ही कांग्रेस पार्टी का साथ दिया है और इस संबंध में काफी बदनामी भी है लेकिन इसके एवज में बीएसपी नेतृत्व का एहसानमंद कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी के तराई हमेशा दगा के अतीत के पीछे का काम क्या है इस संबंध में कई उदाहरण है परंतु प्रकरण है

                        जिसमें बदले की भावना से काम करते हुए बीजेपी की सरकार ने फर्जी फंसाया और फिर कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार ने भी इस मामले को अपने स्वार्थ के लिए काफी दिनों तक उलझा रखा और अंत में लंबे समय तक मान्य सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिल पाया यह किसी से छुपा नहीं है इतना ही नहीं बल्कि सन 1932 के पुणे बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को संविधान निर्माता होने का गौरव प्राप्त हुआ उनकी लगातार उपेक्षा व उनको संसद में सुनकर जाने से रखना भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित नहीं करना

              वह महिलाओं को पुरुष के बराबर संबंध अधिकार ना देना हिंदू कोड बिल को वादाखिलाफी व दलितों पिछड़ों के आरक्षण को संविधान के मनसा कौन सा लागू ना करना डॉ भीमराव अंबेडकर के पहले कानून मंत्री से इस्तीफा देना बामसेफ ds4 के जन्मदाता एवं संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम के देहांत के बाद उनकी मृत्यु पर शोक घोषित नहीं करने आदि आदि पर सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर सहमति कोई कम नहीं बल्कि बहुत ज्यादा अहमियत रखती हैं परंतु चुनावों में गठबंधन की ताजा घटनाओं के संबंध में कांग्रेस पार्टी के रवैया से यह साफ लगता है किबीजेपी को पराजित करने पर रुचि नहीं रखती है जिसको कांग्रेस पार्टी को और मामले में अभी भी काफी दयनीय स्थिति है

                फिर भी उसे गुजरात की तरह अभी भी यह गलतफहमी बनी हुई है कि वह अकेले अपने दम पर बीजेपी को हरा ले गए तो यह हास्यास्पद नहीं है तो क्या है जबकि पिछले सभी चुनावों के अनुभव बताते हैं अगर कांग्रेस पार्टी से मुख्य मुकाबला है तो बीजेपी चुनाव आसानी से जीत पर सरकार बना लेगी फिर भी विपक्षी पार्टियों को आगे करना तो दूर उनके साथ सही से सूझबूझ ईमानदार तरीके से गठबंधन करने को लेकर कांग्रेस पार्टी हमें तैयार नहीं लगती है

          तो यह सवाल उठता है क्या सही मायने में कांग्रेस पार्टी यह चाहती है कि बीजेपी चुनाव में पराजित हो वर्तमान परिस्थिति में जनता यह सोचने पर लेकिन हम ऐसा नहीं लगता है क्योंकि गुजरात की तरह कोई और मौका राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ की जनता बीजेपी को कतई भी नहीं देना चाहती है इस प्रकार कांग्रेस पार्टी के ऐसे दुख द्रव्य प्रणाम स्वरूप बीएसपी ने अपनी पार्टी में मोमेंट के हित में अपने दक्षिण भारतीय कर्नाटक आदिवासी बालोद छत्तीसगढ़ होने वाले आम चुनाव में कर्नाटक में किया आदिवासी छत्तीसगढ़ में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है और

          बीएसपी  चुनाव किस स्थान में मध्य प्रदेश में अभी अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी क्योंकि कांग्रेस पार्टी के रवैया से यह लगता है कि वह लोग बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए गंभीर जड़ से खत्म करने के लिए ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं कांग्रेस पार्टी के इस प्रकार के कारण बीजेपी छत्तीसगढ़ में काफी लंबे समय तक सत्ता में बनी रही है जब चुनाव आता है गीता को खत्म करने की साजिश ज्यादा लगती है अगर ऐसा नहीं है तो कांग्रेस पार्टी राजस्थान प्रदेश की 200 विधानसभा सीटों में से केवल 9 सीट मध्य प्रदेश सीटों में से 230 सीटों में से 10 सीटें छत्तीसगढ़ की कभी भी अपना रवैया अपनाते पूरा देश जानता है केवल बीएसपी का ही वोट पार्टी को ट्रांसफर होता है

            अर्थात गठबंधन करके चुनाव लड़ने में बीएसपी को चुनाव लड़ने में फायदा कम नुकसान ज्यादा होता है खासकर सन 1996 में हुए विधानसभा चुनाव में बीएसपी के साथ किए गए गठबंधन को अनुभव को कभी नहीं भूलना चाहिए इसलिए सब बातों को मध्य नजर रखते हुए अब हमारी पार्टी यह सोचने के लिए मजबूर है कि बीजेपी जैसी संप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए हम अपने अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे बीजेपी की तरह ही हमारी पार्टी को समाप्त करने का षड्यंत्र रच रही है जिससे पार्टी के लोगों को बहुत ज्यादा साफ बनाने की जरूरत है हालांकि हमारे पार्टी के कांग्रेस पार्टी की सरकार पर काफी आसान राय है फिर भी यह पार्टी हमारी पार्टी को राजनीति तो बर्बाद करना

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