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कुर्सी पर बैठने पर दलित युवक की पीट पीट कर हत्या।

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कुर्सी पर बैठने पर दलित युवक की पीट पीट कर हत्या।

दलित को कुर्सी पर बैठ कर खाना खाना उस समय भारी पड़ गया जब वो अपने किसी रिश्ते दार किस शादी में गया था। मामला उत्तराखंड का है। उत्तराखंड वैसे तो देव भूमि के नाम से पुरे देश में जाना जाता है। ये दलित यूवक अपने की किसी रिस्तेदार की शादी में खाना का रहा था। परन्तु वो गलती से किस ततकथित स्वर्ण के पास कुर्सी पर बैठ गया।

सवर्ण का दलित का कुर्सी पर बैठना पसंद नहीं है।

ये उस ततकथित सवर्ण को नागवार गुजरा। और फिर किया था दलित युवक की पीट पीट कर अधमरा कर दिया। बाद में अस्पताल ले जाया गया और वंहा पर उस युवक की मौत हो गई। जो लोग कहते है की सब लोग हिन्दू है। वो इस प्रकार की घटना पर किया बोलना चाहेंगे। शायद कुछ भी नहीं कहेंगे।

वोट के लिए सब हिन्दू है

वोट लेने के सब को हिन्दू बोलोगे। और जब वोट ले लेंगे तो फिर से मनु स्मरति लागु हो जाएगी। और ये तथाकतित हिन्दू जो लोग हमें कुर्सी पर बैठने पर जान से मर देते है। कभी कभी तो लगता है। हम लोग अंग्रज़ो के शाशन में अच्छे से रह रहे थे।

दलितों को सिर्फ बाबा साहब ने अधिकार दिलाये।

जितने भी अधिकार दलितों को मिले वो सभी हमें बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर जी ने इन सवर्णो से लड़ कर दिलाये थे। अँगरेज़ हमें लोगो को पूरा और समानता का अधिकार देना चाहते थे। परन्तु ये तथाकतित सवर्ण हम लोगो को तालाब से पानी भी नही पीने देते थे।

स्वर्ण को मुंहतोड़ जवाब दो

अभी भी दलितों को पूर्ण अधिकार नहीं मिल रहा है। ये जो कुर्सी कांड हुआ है। ये कोई पहला मामला नहीं है। दलितों को अभी घोड़ी पर भी नहीं बेठणे देते है। दलितों को अब खुल कर सामने आने पड़ेगा। और ऐसे लोगो को दल बल के साथ मुँह तोड़ जबाब देना होगा।

धन्यवाद
जय भीम

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